Friday, 2 June 2017

हफ्ते के ७ दिनों में कभी कबार यही चीजें हो जाती है |


१ -संडे ,संडे को सूर्य आराम करता है और ज्यादा धुप भी नहीं देता इसलिए कुछ लोग संडे के दिन घर पर रहकर आराम करते हैं तोह कुछ लोग बहार जाकर मजे करते हैं |

२ -मंडे ,मंडे को हम अपनी मन की करते हैं | कभी ऑफिस से छुट्टी लेकर आराम से कहीं २/३  प्लेट चाट या गोलगप्पे वगैरा वगैरा खाते हैं या फिर ४/५ घंटे घर पर पड़े सो रहे होतें हैं |

३ -ट्यूसडे ,ट्यूसडे को हम कभी कबार अपने रिश्तेदार या फिर अपने दोस्त से तू तू ,मै मै करके झगड़ा करते हैं और उस ही दिन आप मंदिर जाकर भगवान को चढ़ावा चढ़ाते हैं और प्राथना करते है की हमारा दोस्त गुस्से में  होकर कहीं व्हाट्सप्प पर मुक्के या गुस्से ,तलवार आदि स्टिकेर्स न भेजे |

४ -वेडनेसडे ,वेडनेसडे को कुछ लोगों के बच्चे अपनी नेप्पी गीली कर देता हैं इसलिए इस दिन को वेट के शब्द से भी जाना जाता है | वेल जरुरी नहीं है ी हमेशा करते हों |

५ -थर्सडे ,थर्सडे को हम लोगों को कभी कभार बहुत प्यास लगती है मुझे भी लगती है कभी कभार आप लोगो को भी लगती होगी कभी  | थर्सडे के दिन आप ऑफिस  जाते होंगे कभी प्यास लग जाती होगी तोह आप एक कोल्ड ड्रिंक या फिर पानी की बोतल की छोटी सी दुकान देखते होंगे तोह आप बाइक ,स्कूटर या कार से उठकर आप पेप्सी ,फ्रूटी ,थम्प्स अप ,मरिंडा आदि कोल्ड ड्रिंक खरीद ते होंगे | या फिर पानी की मामूली बोतल लेकर चले जाते होंगे |

६ -फ्राइडे ,फ्राइडे को आप लोग कोई चीज फ्राई करके खाते होंगे जैसे की अंडा | वेल जरुरी नहीं है आप अंडा खाते होंगे कुछ और भी फ्राई करके खाते होंगे |

७  -और आखरी सैटरडे ,सैटरडे को कभी कभार आप लोग किसी चीज के दुःख को लेकर कभी कबार सैड हो जाते होंगे इसलिए यह दिन सैड के दी से भी जाना जाता है |


                                                                 शिकायत का डिस्क्लेमर
अगर आपको कोई चीज अच्छी नहीं लगी और गुस्सा आता हो तोह मुझे माफ़ की जिएगा |



चालाक सिर्फ लोमड़ी नहीं भेड़िया भी है

एक छोटा सा गांव था। पास में एक जंगल था। दो रास्ते थे। एक लोमड़ी का और एक भेड़िये का। एक दिन लोमड़ी जा रही थी तभी उसकी टक्कर भेड़िये से हो गयी। दोनों का सर दर्द कर रहा था। तभी लोमड़ी ने भेड़िये से कहा - ऐ भेड़िये भाई देखकर चला करो। भेड़िये ने कहा - अरे लोमड़ी बहन में तो पास के गांव में आम लेने जा रहा था।

तभी लोमड़ी के मन में एक योजना आई भेड़िये को धोका देने की। भेड़िया समझ रहा था कि लोमड़ी कोई योजना बना रही है। तभी भेड़िये ने भी एक योजना बनाई लोमड़ी को वेवकूफ बनाने की। तभी भेड़िये ने कहा - लोमड़ी बहन, पास के गांव में बहुत रसीले आम हैं। और उनका स्वाद लाजवाब। इससे लोमड़ी के मन में लालच के आम फूटने लगे जिससे वह अपनी योजना भूल गयी गयी और भेड़िये का काम हो गया। बस अब लोमड़ी को गांव में ले जाना था। 

तभी लोमड़ी ने अपनी योजना याद करने की बहुत कोशिश की पर याद नहीं कर पायी। फिर भेड़िये ने कहा - चलो लोमड़ी बहन गांव में आम लेने। और फिर भेड़िये की योजना बस पूरी होने वाली थी। फिर भेड़िये ने लोमड़ी से कहा की - लो हम गांव आ गए। तभी भेड़िये ने लोमड़ी को दही से भरे मटकों का पहाड़ दिखाया। तभी भेड़िये ने लोमड़ी से कहा कि - लोमड़ी बहन सबसे निचे वाली मटकी निकालिये। 

तभी लोमड़ी ने भेड़िये से कहा कि - मुझे माफ़ कर दो मैं हार गयी तुम जीत गए। फिर भेड़िये ने कहा कि - इसे कहते हैं जैसी करनी वासी भरनी। तभी लोमड़ी वहां से सब्जी लेने भाग गयी। और भेड़िया भी आम लेने चला गया।